आईकेएनए के अनुसार, अल-कुद्स अल-अरबी का हवाला देते हुए, कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में चेतावनी दी कि इन कार्रवाइयों से क्षेत्र में हिंसा फैल सकती है।
यह चेतावनी सोशल मीडिया और हिब्रू भाषा के मीडिया पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करके बनाए गए एक वीडियो के जारी होने के बाद आई, जिसमें अल-अक्सा मस्जिद में विस्फोट और एक काल्पनिक मंदिर के निर्माण को दर्शाया गया था।
कतर ने इस बात पर जोर दिया कि ये धमकियां "खतरनाक उकसावे" हैं, जो गाजा में चल रहे युद्ध के संदर्भ में स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।
देश ने यह भी घोषणा की कि वह अल-अक्सा मस्जिद और यरुशलम की ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति में किसी भी बदलाव का दृढ़ता से विरोध करता है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीनी पवित्र स्थलों की रक्षा के लिए इजरायल पर तत्काल दबाव डालने का आह्वान किया।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने भी इन धमकियों की निंदा की तथा इन्हें, साथ ही यरुशलम में बढ़ते इजरायली हमलों और हस्तक्षेप को, तनाव बढ़ाने वाला एक खतरनाक कारक माना।
जॉर्डन ने इन कदमों के खिलाफ एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय रुख अपनाने तथा फिलिस्तीनी लोगों को आवश्यक समर्थन प्रदान करने का आह्वान किया तथा चेतावनी दी कि इन कार्रवाइयों के जारी रहने से क्षेत्र में और अधिक संकट पैदा हो सकता है।
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