इकना के अनुसार, अल-वतन समाचार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब्दुल हादी लक़ाब अल्जीरिया में एक इमाम और कुरान शिक्षक थे, जिन्होंने क़िराअत (कुरान पाठन शैली) और तजवीद (कुरान की सही उच्चारण विधि) के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए।
उन्होंने अल्जीरिया विश्वविद्यालय के इस्लामिक साइंसेज संकाय में तजवीद, क़िराअत और तफ्सीर (कुरान की व्याख्या) पढ़ाया और सन् 2019 में अरबी भाषा और कुरानिक अध्ययन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
शेख अब्दुल हादी को "क़िराअत-ए-अशर" (10 प्रसिद्ध क़ारियों की पाठन शैली, जो सुन्नी मुसलमानों में प्रचलित है) की बड़ी और छोटी शाखाओं में महारत हासिल थी। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।
वह अल्जीरिया, सऊदी अरब (किंग अब्दुलअज़ीज अवार्ड) और यूएई (दुबई कुरान अवार्ड) जैसी अंतरराष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल के सदस्य भी थे और इन समितियों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
अब्दुल हादी लक़ाब कुरानिक ज्ञान के प्रसार और कुरान पर गहन चिंतन की विधियों को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और वैज्ञानिक सेमिनारों में भाग लिया।
इस अल्जीरियाई कुरान शिक्षक ने कई शोध पत्र और कुरानिक अध्ययन छोड़े हैं, जो इस्लामी शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावशाली रहे हैं।
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