खाड़ी खबर के अनुसार, यह सम्मेलन अगले रविवार, 14 अप्रैल को होगा। यह पहल समाज के विभिन्न वर्गों में धार्मिक संस्कृति को मजबूत करने और कुरआन व उसकी शिक्षाओं की सुरक्षा में एसोसिएशन की अग्रणी भूमिका को रेखांकित करती है।
यह सम्मेलन बच्चों के लिए इस्लामिक शिक्षण पद्धतियों को पुनर्जीवित और प्रसारित करने की दिशा में एक लक्ष्योन्मुख पहल है, क्योंकि बच्चे समाज का मूल आधार हैं और राष्ट्र का भविष्य हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य
इस वैज्ञानिक सम्मेलन का लक्ष्य धार्मिक विद्वानों, कुरआन शिक्षकों, माता-पिता और बच्चों के कल्याण में रुचि रखने वालों को एक मंच प्रदान करना है।
पहला सत्र: कुरआन शिक्षण का महत्व
डॉ. हादी हुसैन, मोहम्मद बिन जायेद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में कुरआन की शैक्षिक और आध्यात्मिक भूमिका पर चर्चा करेंगे।
दूसरा सत्र: समय के साथ कुरआन शिक्षण के तरीके
सालेह मोहम्मद अलाहीबी, शारजाह यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर, पारंपरिक मकतबों से लेकर आधुनिक तकनीकी उपकरणों (जैसे इलेक्ट्रॉनिक एप्स और इंटरैक्टिव लर्निंग) तक कुरआन शिक्षण के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डालेंगे।
इस सत्र में पारंपरिक और आधुनिक शिक्षण विधियों के बीच संतुलन बनाने के नवीन तरीके प्रस्तुत किए जाएंगे, ताकि बच्चों की समझ और भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
यह सम्मेलन शारजाह में कुरआन शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है और भविष्य की पीढ़ियों को इस्लामी मूल्यों से जोड़ने का प्रयास करता है।
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