ईकना के संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, हुसैनी अर्बाइन की सांस्कृतिक और शैक्षिक समिति की 86वीं बैठक आज मंगलवार, 16 ओर्दिबहेश्त (फारसी कैलेंडर के अनुसार) को हुई। इस बैठक में हज्ज और ज़ियारत के मामलों में वली-ए-फकीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम सैयद अब्दुलफ़त्ताह नवाब, हुसैनी अर्बइन के केंद्रीय मुख्यालय की सांस्कृतिक और शैक्षिक समिति के प्रमुख होजतुल इस्लाम हमीद अहमदी, केंद्रीय अर्बइन मुख्यालय के सचिव मोहम्मद तकी बाक़री और अर्बइन मुख्यालय में जिम्मेदार संगठनों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
**मुख्य बिंदु:
1. नारे का महत्व:
- यह नारा ज़ियारत-ए-अर्बईन और कुरानिक शिक्षाओं से प्रेरित है।
- यह इमाम हुसैन (अ.स.) के साथ किए गए वादे को नवीनीकृत करने का प्रतीक है।
- लेबनान और हिज़्बुल्लाह द्वारा शहीदों के सम्मान में इस नारे का उपयोग किया गया था।
2. सांस्कृतिक योजना:
- ईरान और इराक में विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर एक व्यापक सांस्कृतिक दस्तावेज़ तैयार किया गया है।
- इस योजना में 40 से अधिक संगठनों की भूमिका निर्धारित की गई है।
3. अर्बईन की तैयारियाँ:
- **यातायात, बीमा और सुविधाओं में सुधार पर जोर दिया जा रहा है।
- ईरानी सरकार पुराने वाहनों को बदलने और यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने का प्रयास कर रही है।
4. अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव:
- अर्बईन का यह आयोजन वैश्विक स्तर पर इमाम हुसैन (अ.स.) के संदेश को फैलाने का एक मंच है।
निष्कर्ष:
अर्बईन 2025 का नारा "हम वादे पर कायम हैं" शहादत, निष्ठा और प्रतिरोध की भावना को दर्शाता है। ईरान और इराक की सरकारें इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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