नीचे इमाम-ए-रऊफ (अ.स.) की विशेष सलवात मीम. मोहिब की आवाज़ में और महदी शिकारची के संगीत निर्देशन में प्रस्तुत की गई है, जिसे रेडियो सतर द्वारा प्रकाशित किया गया है।
जब आप इमाम रज़ा (अ.स.) की क़ब्र के पास जाएँ, तो यह दुआ पढ़ें:
اَللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰی عَلِيِّ بْنِ مُوْسَی الرِّضَا الْمُرْتَضَی الْاِمَامِ التَّقِيِّ النَّقِيِّ وَحُجَّتِكَ عَلٰی مَنْ فَوْقَ الْاَرْضِ وَمَنْ تَحْتَ الثَّرَی الصِّدِيْقِ الشَّهِيْدِ صَلَاةً كَثِيْرَةً تَامَّةً زَاكِيَةً مُتَوَاصِلَةً مُتَوَاتِرَةً مُتَرَادِفَةً كَاَفْضَلِ مَا صَلَّيْتَ عَلٰی اَحَدٍ مِّنْ اَوْلِيَائِكَ
हिंदी अनुवाद:
"हे अल्लाह! अली बिन मूसा अर-रज़ा पर दया और शांति अवतरित कर, जो आपके मार्गदर्शक, पवित्र, निष्कलंक इमाम हैं, आपकी धरती और उसके नीचे रहने वालों पर हुज्जत, सच्चे और शहीद हैं। उन पर ढेर सारी, पूर्ण, पवित्र, निरंतर, लगातार और क्रमिक रहमत भेज, जैसी कि आपने अपने किसी भी अवलिया (दोस्त) पर भेजी है।"
इस सलवात का पाठ करने से इंशाअल्लाह, आपके गुनाह माफ़ होंगे और आपको अल्लाह की विशेष रहमत प्राप्त होगी। 🤲✨
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