इकना के अनुसार, विदेश मंत्रालय की सूचना वेबसाइट का हवाला देते हुए, इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय द्वारा सैय्यद हसन नसरल्लाह की शहादत की पहली वर्षगांठ के अवसर पर जारी बयान का मूल पाठ इस प्रकार है:
27 सितंबर हम को ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए उस अभूतपूर्व आतंकवादी कृत्य की याद दिलाता है, जिसमें उन्नत अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करके लेबनानी हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरल्लाह को बेरूत के आवासीय क्षेत्रों के बीचों-बीच शहीद कर दिया गया था। यह आतंकवादी अपराध न केवल अंतर्राष्ट्रीय नियमों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन था, बल्कि एक स्वतंत्र देश, जो संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है, को नुकसान पहुँचाने के लिए आतंक और हत्या का सहारा लेने का एक स्पष्ट उदाहरण भी था। निस्संदेह, इस अपराध के लिए ज़ायोनी अपराधियों को सज़ा देने की माँग इस क्षेत्र के देशों और स्वतंत्र लोगों की एक माँग हमेशा बनी रहेगी।
आक्रमण और कब्जे के विरुद्ध लेबनानी प्रतिरोध का नेतृत्व करते हुए, शहीद सैयद हसन नसरल्लाह ने तीन दशकों तक लेबनान के प्रभुत्व को बढ़ाने और विदेशी आक्रमण के विरुद्ध लेबनान की प्रतिरोधक क्षमता स्थापित करने में फैसलाकुन भूमिका निभाई। आज, उस अपराध के एक वर्ष बाद, यह पहले से कहीं अधिक स्पष्ट है कि "ग्रेटर इज़राइल" जैसी योजनाओं के रूप में ज़ायोनी शासन की विस्तारवादी और कब्ज़ाकारी नीति पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। इस वास्तविकता ने क्षेत्र के राष्ट्रों और विश्व जनमत के समक्ष प्रतिरोध के मूल्य और आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।
इस्लामी गणराज्य ईरान हमेशा से लेबनान का एक शक्तिशाली और सम्माननीय समर्थक रहा है, और यह अपेक्षा की जाती है कि क्षेत्र के सभी देश, ज़ायोनी शासन के विस्तारवाद और अराजकता से उत्पन्न बढ़ते ख़तरे को समझते हुए, लेबनान की स्थिरता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए और उसकी राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करते हुए, स्थिरता बनाए रखने और राष्ट्रीय प्रभुत्व को मज़बूत करने के मार्ग पर लेबनान की सहायता करेंगे।
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