IQNA

रहस्योद्घाटन की आवाज़

कर्जदार को माफ करना

IQNA-إِنْ كَانَ ذُو عُسْرَةٍ فَنَظِرَةٌ إِلَى مَيْسَرَةٍ وَأَنْ تَصَدَّقُوا خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ﴿280﴾ और अगर वह ज़रूरतमंद हो, तो उसे मोहलत दे दो जब तक वह अमीर न हो जाए और अगर तुम उसे दे दो तो यह तुम्हारे लिए बेहतर है काश तुम जानते होते । आयत 280 - सूरह अल-बक़रा

 

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