अंतरराष्ट्रीय समूह: लाला इफ्तिखारी ने कुरान और देशों की संस्कृति विभाग के समापन समारोह के दौरान कहा कुरआन, जागरूकता और सभी मुसलमानों को जीवित करने वाली किताब है, इस्लामी जागरूकता को मानव जागृति में बदलने की ज़रूरत है ताकि तर्क, नैतिकता और कुरान की महान शिक्षाओं को सभी न्याय तलब और अहंकारी शक्तियो के प्रचारों के सताए हुए इंसानों के इख़्तेया में दिया जा सके.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) की रिपोर्ट के अनुसार, 12 अगस्त को इस्लामी गणतंत्र ईरान की संसद में तेहरान की प्रतिनिधि और कुरान व इतरत नाम संसदीय समिति की प्रमुख "लाला इफ्तिखारी" ने बीसवीं अंतरराष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी के कुरान और देशों की संस्कृति क्षेत्र के समापन समारोह में अपने भाषण के दौरान सूरह अनफ़ाल की आयत संख्या 24 (یَا أَیُّهَا الَّذِينَ آمَنُواْ اسْتَجِيبُواْ لِلّهِ وَلِلرَّسُولِ إِذَا دَعَاكُم ..... ए ईमान वालों अगर अल्लाह और रसूल (स.) की दावत पर लब्बैक कहो) की ओर संकेत करते हुए कहा: इस बा अज़मत दिन जो 23 रमज़ान और तीसरी शबे क़द्र का दिन है, इस प्रकार की महफ़िल में शिरकत की तौफ़ीक़ नसीब होने पर अल्लाह का शुक्र अदा करती हूँ.
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