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पाकिस्तानी विपक्षी राजनीतिक दलों ने सऊदी अरब की सैन्य सहायता का विरोध किया

18:51 - April 07, 2015
समाचार आईडी: 3105452
इंटरनेशनल ग्रुपः पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों जैसे भुट्टो की पीपुल्स पार्टी,जमीअते उलमाऐ इस्लाम और इमरान खान की पार्टी ने यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के लिए सैन्य बलों की तैनाती करने में अपने विरोध की घोषणा की.

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) नेटवर्क ery के अनुसार, पाकिस्तान की संसद ने कल 6 अप्रेल को सऊदी अरब द्वारा यमन पर हमला करने के लिए इस देश की सैन्य सहायता के अनुरोध की समीक्षा की.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इस बारे में रिपोर्ट दी कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि इस देश की जमीनी,हवाई और समुद्री सैन्य सहायता करे.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने किसी भी तरह तैयार रहने के लिए, "नवाज़ शरीफ," पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, "ख्वाजा आसिफ," रक्षा मंत्री के सऊदी अरब के साथ सहयोग करने के वादे के बावजूद, कल देश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने सऊदी के लिए सैन्य बलों को भेजने पर जोरदार विरोध किया.
इस संदर्भ में, "इमरान खान", पाकिस्तान तहरीके इन्साफ़ पार्टी के प्रमुख्य ने कहा, "मैं इस बात से डरता हूं कि नवाज़ शरीफ अपने को सऊदी अरब का क़रज़दार जानते हैं, इसलिए कि इस देश में भारी निवेश रखता है खुद को ऋणी मानते हैं व सऊदी अरब के लिए आभारी हैं इसी लिऐ इस ऋण को उतारने के लिऐ ग़लत फ़ैसला लेना चाहते हैं.
"शाह महमूद क़ुरैशी," पूर्व विदेश मंत्री और इमरान खान पार्टी के नेता, ने संसद में अपने भाषण में कहाः अगर पाकिस्तान उस गठबंधन में शामिल होजाऐ जिसका नेतृत्व सऊदी कर रहा है तो संभावना है कि देश में धार्मिक संघर्ष हो जाऐ और यह मुद्दा सबब होगा कि पाकिस्तान की स्थिरता को खतरा होजाऐ इस कारण किसी तरह का हस्तक्षेप जिस में सऊदी आगे हो पाकिस्तानी जनता की राय विरोध में है. 
Atzaz हसन", मशहूर राजनीतिक हस्ती और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भुट्टो के प्रतिनिधित्व कहते हैं, यमन का मामला पवित्र हरमैन शरीफ़ैन से कुछ भी तालुक़ नहीं रखता है, सऊदी अरब व अरबिस्तान सऊदी और हरमैन शरीफ़ैन तीन मुद्दे अलग हैं हमे इन सब एक नहीं समझना चाहिए,क्यों कहते हैं कि हरमैन खतरे में? क्यों नहीं नवाज शरीफ और रक्षा मंत्री साफ़ नहीं कहते कि  सऊदी अरब से किया वादे किए हैं? उन्हों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में किसी ने हमारी मदद नहीं की और हम अकेले रह गऐ?.
"फारूक सत्तार," पाकिस्तान की एमक्यूएम पार्टी के संसदीय प्रतिनिधि ने भी कहाः यमन और सऊदी अरब दोनों मुस्लिम देश हैं हम अल्पकालिक हितों के लिए अपने सैनिकों को युद्ध में न ढकेलें.
"फ़जलुर रहमान," जमीयत उलेमा इस्लाम के प्रमुख ने भी सऊदी के लिऐ सैनिकों की तैनाती का विरोध करते हुऐ इस मामले में शांति की भूमिका निभाने की मांग की.
पाकिस्तान संसद का पूर्ण अधिवेशन, आज भी यमन के खिलाफ लड़ने के लिए सऊदी अरब की पाकिस्तानी सैन्य सहायता पर चर्चा जारी रहेगी.
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