अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) "हैदराबाद" पाकिस्तान में ईरानी सांस्कृतिक परामर्श के अनुसार, साहब ज़ादह अबू अल-खैर मुहम्मद जुबैर, जमीअते उलेमाऐ पाकिस्तान के अध्यक्ष ने इस देश के मुसल्मामनों पर म्यांमार सरकार द्वारा उत्पीड़न जो कि अपने घरों को छोड़ने और समुद्र में फंसे रहने का सबब बना है की घोर निंदा की और इस्लामी सहयोग संगठन से मांग किया है कि म्यांमार में मुसलमानों की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को इस्तेमाल में लाऐ.
ज़ुबैर ने आगे कहाःमलेशियाई सरकार, तस्करों की पहचान के लिऐ जितनी जल्दी हो सके अपने अनुसंधान को शुरू करे,और पाकिस्तान सरकार भी इस हवाले से अपनी भूमिका को पूरा और सहायता करे.
म्यांमार के मुसलमानों को हाल ही में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है और अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुऐ तथा नाव से यात्रा कर रहे हैं और भोजन और पानी की कमी का सामना कर रहे हैं.
रोहंगयाई महिलाओं और बच्चों सहित 25 हजार मुसल्मान लंबे समय से बिना भोजन और कपड़े और पनाहगाह के समुद्र में भटक रहे हैं.
यह समूह जबरन अपने घरों व देश से निकाले गऐ और पड़ोसी देशों ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया, तो समुद्र में फंसे हैं तथा भारी भूख के कारण जीवित रहने के लिए जहाज़ों की रस्सियों को खाने पर मजबूर होगऐ हैं.
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