अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) सर्वोच्च नेता के कार्यालय के जानकारी डेटाबेस के अनुसार, हज़रत अयातुल्ला ख़ामेनइ इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने, महान हज कांग्रेस के अवसर पर एक संदेश में क्षेत्र में इस्लामी उम्मत के लिए बड़ी समस्या बनाने में अहंकार की बुरी नीतियां" और " हड़पनेवाले यहूदी शासन के अपराध व मुसल्सल मस्जिद अक़्सा की अवमानना" को सभी मुसलमानों का पहला मुद्दा बताया और इन घटनाओं के मुक़ाबले में इस्लामी दुनिया के मुसलमानों विद्वानों और बुद्धिजीवियों को अपने मिशन को पूरा करने पर बल दिया: हज का पुर शिकोह इज्तेमाअ, इस ऐतिहासिक कार्य के उदय और विनिमय की सबसे अच्छी जगह और "बराअत का अवसर" कि सबसे अच्छी राजनीतिक प्रथा है जिसे ग़नीममत शुमार करें.
उन्होंने पवित्र मस्जिद में दर्दनाक घटना में कुछ तीर्थयात्रियों की दर्दनाक मौत और रहमान के मेहमानों की सुरक्षा की भारी जिम्मेदारी की इशारा करते हुऐ बल दिया: इस प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी पर कार्रवाई हमारी आववश्यक मांग है.
इस्लामी क्रांति के नेता के संदेश आज (बुधवार) सुबह हुज्जतुल इस्लाम क़ाज़ी अस्गर सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि व अराफात के रेगिस्तान में ईरानी तीर्थयात्रियों के सरपरस्त द्वारा पढ़ा गया और इस प्रकार है:
بسماللهالرّحمنالرّحیم
و الحمد لله ربّ العالمین، و الصّلاة و السّلام علی سیّد الخلق اجمعین محمّد و آله الطّاهرین و صحبه المنتجبین و علی التّابعین لهم باحسان الی یوم الدّین.
और सलाम हो पवित्र काबा पर, एकेश्वरवाद की बेस और मोमनी की जाए तवाफ़ औरस्वर्गदूतों के उतररने की जगह और पवित्र मसस्जिद और मीना और अराफात पर सलाम, ससलाम डरने दिलों और ज़ाकिर ज़बानों पर............ और आप हज करने वालों पर जिन्हें लब्बैक कहने की तौफ़ीक़ मिली और नेमतों के दस्तरख़्वान पर बैठे हैं.
पहला काम यह है कि हम इस वैश्विक, इतिहासिक व हमेशगी लब्बैक पर ग़ौर करें اِنَّ الحَمدَ وَ النِّعمَةَ لَکَ وَ المُلکَ، لا شَریکَ لَکَ لَبَّیک؛ (1) सभी प्रशंसा और शुक्रिया उसी से, ओर सभी नेमतें उसी से और सभी संपत्ति व क़ुद्रत उसी से संबंधित हैं यह है पहली दृष्ट जो हज करने वालों को इस सार्थक वाजिब के पहले कदम पर दी जाती है और मनासिक को जारी रखने में उसके साथ मिलकर गठित होती है और इसी पर जीवन के प्रोग्राम मुरत्तब होते हैं,इस महान सबक को लेना और इस पर अमल करना वही अविस्मरणीय चश्मा है जो मुसलमानों के जीवन को ताजगी और हयात और शक्ति देता है औरर उन लोगों को जो जीवन मे हर समय व हर जगह समस्याओं के शिकार हैं स्वतंत्रता अता करता है शहवतों,वैश्विक अहंकार, आलसी, गैर जिम्मेदारी और हर तरह के बुतों कि जो मनुष्य को ज़लील करने वाले हैं इस इब्राहीमी निगाह के साथ अगर बजा लाया जाऐ तो टूट जाते हैं और उसकी जगह वासना और गौरव प्रभुत्व और विनम्रता लेलेगी कठिनाई और कष्ट की जगह स्वतंत्रता और गरिमा और स्वास्थ्य आजाऐगी.
हर देश और हर मिल्लत से ऐ हज करने वाले भाइयों और बहनों इस शब्द में इलाही हिकमतों को देखो और गहरी दृष्ट से इस्लामी दुनिया की समस्याओं विशेष रूप से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका, को व्यक्तिगत क्षमताओं और संभावनाओं के अनुसार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ अपने लिऐ परिभाषित करें और उसको दूर करने के प्रयास करें.
आज अमेरिका की बुरा नीतियों इस क्षेत्र में जो युद्ध और विनाश, विस्थापन और गरीबी और पिछड़ेपन और जातीय और धार्मिक मतभेद का एक स्रोत है, जो, एक तरफ़ है, और यहूदी शासन के अपराधों जो फिलिस्तीन पर ग़ासिबाना क़ब्ज़े ने क्रूरता को आख़री डिग्री तक पंहुचा दिया है और पवित्र अल अक्सा मस्जिद की अवमानना तथा मासूम फिलिस्तीनियों के जीवन और संपत्ति को रौंदना, दूसरी तरफ़, आप मुसलमानों का पहला मुद्दा है कि उसमें विचार करना चाहिऐ और उसके संदर्भ मे अपने इस्लामी कर्तव्य को समझने की जरूरत है। धार्मिक विद्वान और राजनीतिक और सांस्कृतिक कुलीन वर्ग, बहुत भारी ज़िम्मेदारी के हामिल हैं कि दुर्भाग्य से अक्सर उनमें ग़फ़लत कर रहे हैं, विद्वान धार्मिक तनाव फैलाने के बजाय और नेता दुश्मन का सामना करने में निष्क्रियता के बजाय और सांस्कृतिक कुलीन वर्ग हाशिये पर मनोरंजन के बजाय इस्लामी दुनिया के महान दर्द को पहचानें और परमात्मा के न्याय के सामने अपनी ज़िम्मेदारी को अदा करें और उससे बाहर आऐं.
क्षेत्र की रुला देनी वाली घटनाऐं, इराक और सीरिया और यमन और बहरीन और वेस्ट बैंक और गाजा में और एशिया और अफ्रीका के कई अन्य देशों में, इस्लामी उम्मत की बड़ी समस्याऐं हैं कि वैश्विक अहंकार की साजिशी थंबनेल को उसमें ज़रूर देखेंगे और उसके इलाज के लिए सोचें ; लोग अपनी सरकारों से ज़रूर पूछें,और सरकारों को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।
इस वर्ष पवित्र मस्जिद की दर्दनाक और हानिकारक घटना, तीर्थयात्रियों और उनके राष्ट्रों के तालू को कड़वा कर दिया। सही है इस घटना में मरने वाले नमाज़व तवाफ़ व इबादत की हालत में अल्लाह की मुलाक़ात की और बहुत बड़ी सआदत से हासिल की तथा रहममते इलाही के हक़दार हैं और उनके रिशतेदारों के लिऐ बड़ी तसल्ली है लेकिन यह बात उन लोगों की जिम्मेदारी को कम नहीं कर सकती जो लोग अल्लाह के मेमानों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है इस प्रतिबद्धता पर निर्णायक कार्रवाई और जिम्मेदारी को पूरा करना हमारी की मांग है.
والسّلام علی عبادالله الصّالحین
सैयद अली ख़ामेनइ
4 ज़िलहिज 1436
18 सितंबर 2015
1) उसूल काफ़ी, वॉल्यूम, 4, पृ, 335
2) ख़रोश