IQNA

मजार शसरीफ़ बैठक में;

महिलाओं के अधिकार में अन्याय के खिला इस्लाम खड़ा है

13:55 - November 17, 2015
समाचार आईडी: 3453742
विदेशी शाखा: मौलवी अब्दुल रऊफ़ तवाना,अफगानिस्तान मजार शसरीफ़ की बैठक में कहा: इस्लाम केवल ऐसा धर्म है जो महिलाओं के हक़ में सभी असमानताओं और अन्याय के खिलाफ खड़ा है और उसकी रक्षा कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार एजेंसी आवा के हवाले से, मौलवी अब्दुल रऊफ़ तवाना, शहीद प्रोफेसर अब्दुल कादिर तवाना सांस्कृतिक केंद्र के उत्तरदायी,ने16 नवंबर को मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के क्रम में एक बैठक आयोजित की गई थी महिलाओं की स्थिति के बारे में भाषण दिया।
उन्होंने इस ओर इशसाररा करते हुऐ कि इस्लाम ने महिलाओं को स्वतंत्रता और आज़ादी दी है कहा: कि इस्लाम ने महिला को स्वतंत्रता दी है और केवल ऐक धर्म है जो समाज में महिलाओं के ख़िलाफ़ सभी बाधाओं के बावजूद खडा है और उनकी रक्षा कर  रहा है।
मौलवी अब्दुल रऊफ़ तवाना ने कहा: इस्लाम औरत को इज़्ज़त देता है जैसा कि हम जानते हैं, हजरत खदीजा (ए) पहली महिला थीं और वह जो पैगंबर (PBUH) पर ईमान लाईं थीं वास्तव में वह पहले व्यक्ति थीं जिन्हों ने धर्म का बचाव किय, एक औरत थीं, इसी तरह सुमैय्यह पहली महिला थीं जो इस्लाम के कारण शहीद हो गई थीं।
उन्होंने इस ओर इशारा करते हुऐ जब महिलाऐं पूरी सुरक्षा में रहती हैं, तो हमारा देश सुरक्षित पर्यावरण से दोचार है कहा:कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो इस समय अफगान महिलाओं को धमकाता है, गरीबी व असुरक्षा पन है कि इस समस्या का उपाय स्वतंत्रता और आज़ादी व अफगानिस्तान अच्छा नेतृत्व है और हम सभी को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
मौलवी अब्दुल रऊफ़ तवाना ने कहा: दुर्भाग्य से, कुछ लोग जाने और अनजाने में अपने आपराधिक ककामों के माध्यम से धर्म की जड़ को कुल्हाड़ी से काट रहे  हैं और दुनिया में इस्लाम की छवि को विकृत करने की कोशिश कर रहे हैं।
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