म्यांमार की मस्जिदों के दो स्पीकर हिरासत में
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) खबर «विश्व बुलेटिन»के हवाले से,यह गिरफ्तारियां म्यांमार में धार्मिक भेदभाव में वृद्धि जारी रहने और इस देश में पिछले महीने कई मस्जिदों व धार्मिक इमारतों पर हमलों के सबब की गई हैं।
म्यांमार में मुसलमानों की धार्मिक मामलों की परिषद ने मस्जिदों का दौरा और भाषण करने के कारण इन दो पाकिस्तानियों की गिरफ्तारी को धार्मिक अधिकारों को दबाने से वर्णित किया है।
यांगून के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार जुल्फिकार अहमद, 63 वर्षीय और उनके 29 वर्षीय पुत्र आमिद Seifollah, जो एक सप्ताह पहले म्यांमार के लिए आऐ थे, प्राधिकरण के बिना कुछ शहरों में जाकर मस्जिदों में व्याख्यान किया है।
उन्होंने कहा कि वे एक पर्यटक वीजा पर आऐ थे और प्रचार का कोई अधिकार नहीं है। शनिवार को यह दो लोगों को गिरफ्तार किया गया और मुम्किन है कि छह महीने जेल में व जुर्माने का भुगतान करना पड़े या पाकिस्तानी दूतावास के साथ बातचीत के बाद देश से वापस भेजा जा सकता है।
टीन मायुंग तान म्यांमार में मुस्लिम धर्म के परिषद के महासचिव ने कहाः वे लोग मुस्लिम हैं इस कारण मस्जिदों का दौरा और म्यांमार में अपने भाइयों के साथ इबादत की और क्योंकि उनसे भाषण के लिऐ कहा गया था, तो भाषण भी दिया।
म्यांमार में मुसलमानों की आबादी इस देश के बौद्ध जनसंख्या का 2.3 प्रतिशत हैं बेशक पश्चिमी म्यांमार में राख़ीन प्रांत के रोहंगया के ऐक मिल्युन मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इन आँकड़ों में नहीं गिना गया है क्योंकि इस देश में लंबे समय निवास के बावजूद भी सरकार अभी उन्हें बांग्लादेश देश के अवैध आप्रवासियों मानती है ।