IQNA

रोहिंग्या के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुरान और इस्लामी शिक्षाऐं निषेध

17:06 - August 17, 2016
समाचार आईडी: 3470675
अंतर्राष्ट्रीय समूह: म्यांमार के अधिकारियों ने दर्जनों रोहिंग्याई मुस्लिम शिक्षकों को तलब करके उन्हें मजबूर किया कि ऐक लिखित समझौते कुरआनी और इस्लामी शिक्षाओं के नहीं सिखाने पर हस्ताक्षर करें।

रोहिंग्या के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुरान और इस्लामी शिक्षाऐं निषेध

अंतर्राष्ट्रीयक़ुरान समाचार ऐजेंसी (IQNA) «treckat.com»की जानकारी डेटाबेस के हवाले से, कुछ स्थानीय पर्यवेक्षकों का मानना है कि म्यांमार अधिकारियों की यह कार्वाई कि रोहिंग्याई मुसलमानों कुरान और इस्लाम की शिक्षाओं को सीखने से मना करना इस देश के"अराकान" राज्य में, इस्लामी पहचान के भविष्य को जोखिम में डालने के बराबर है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार अधिकारियों ने दर्जनों रोहिंग्याई मुस्लिम शिक्षकों को मुस्लिम को दक्षिणी शहर «mangdo» के क्षेत्रों में बुलाया, और उन्हें ऐक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने पर मजबूर किया, जिसके अनुसार, शिक्षक कुरान पढ़ाने और सिखाने या किसी भी चीज़ को जो इस्लामी शिक्षाओं या ज्ञान से संबंधित हो का हक़ नहीं रखते हैं।

समझौते के अनुसार, रोहिंग्याई मुस्लिम शिक्षक यहां तक कि अपने घरों में भी कुरान और इस्लामी विज्ञान पढ़ाने की अनुमति नंही रखते हैं।

इस संबंध में म्यांमार के अधिकारियों ने, शिक्षकों को धमकी दी कि समझौते के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में 10 साल से अधिक जेल की सज़ा होगी। इसके अलावा, उन्हें सूचित किया कि भविष्य में देश के अधिकारियों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

सबूत से पता चलता है कि म्यांमारी अधिकारी कोशिश कर रहे हैं,इस निर्णय राज्य "अराकान" (म्यांमार का मुस्लिम राज्य) के अन्य क्षेत्रों और शहरों में लागू करें ।

याद रहे कि म्यांमार के अधिकारियों ने इस देश की पिछली सैन्य सरकार में,रोहंगया के कई मस्जिदों और स्कूलों वर्ष 2012, में इस क्षेत्र के लोगों के खिलाफ हिंसक घटनाओं के बाद बंद कर दिया था और इस देश में लोकतंत्र परिवर्तन के बावजूद और नई प्रणाली लागू होने के बाद भी, रोहंगया क्षेत्र के स्कूलों और मस्जिदों में स्थिति बदली नहीं है।

3523481

captcha