फिलिस्तीन की रक्षा और उसका बचाव करना इस्लामी उम्मत की हत्मी ज़िम्मेदारी है
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) सर्वोच्च नेता के कार्यालय के अनुसार, हज़रत आयातुल्लाह ख़ामेनई ने हुज्जाजे बैतुल्लाहिल-हराम को एक संदेश में मुसलमानों के बीच वर्चस्व की विभाजनकारी प्रणाली की नीतियों की चर्चा करते हुए, इस्लामी देशों के प्रमुखों और मुस्लिम दुनिया के कुलीन वर्ग की ज़िम्मेदारी, एकजुट तथा लोगों को शिक्षित करना और इस्लामी देशों में तत्काल कठिन आपदाओं को रोकना बताया और यक़ीन दिलाया कि फिलिस्तीन की रक्षा और उस राष्ट्र के साथ संबंध व सहयोग जो लगभग 70 वर्षों से अपने छीने गऐ देश के लिए लड़ रहे हैं हम सभी का सबसे महत्वपूर्ण काम है।
इस्लामी क्रांति के नेता के संदेश का पाठ, जो आज सुबह हुज्जतुल इस्लाम काज़ी-असकर सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि और ईरानी तीर्थयात्रियों के अभिभावक द्वारा अरफ़ात के रेगिस्तान में पढ़ा गया, इस प्रकार है:
بسماﷲالرّحمنالرّحیم
و الحمد ﷲ ربّ العالمین و الصّلاة و السّلام علی سیّدنا محمّد خاتم النّبیّین و آله الطّاهرین و صحبه المنتجبین.
महान ख़ुदा का शुक्रिया अदा करता हूं कि इस साल भी दुनिया भर से विश्वासियों को हज तीर्थयात्रा का शरफ़ अता किया ता कि इस फय्याज़ व मुनासिब स्रोतों का आनंद लें और दिन और रात जहां के घंटे शानदार और धन्य, चमत्कारी अति सुंदर जैसे, जो दिल और आत्मा को बदल सकते हैं। जीवन को स्वच्छ और सुशोभित बना दें, महान अल्लाह के घर के पड़ोस में, और इबादत और ख़ुशू और ज़िक्र और निकटता हासिल करें।
हज की तीर्थयात्रा,ऐसी इबादत जो रहस्यमय और राज़ों से भरी,शरीफ घर, एक ऐसी जगह जो परमात्मा के आशीर्वाद से भरी है और सर्वशक्तिमान भगवान की निशानियों और आयतों से अभिव्यक्ति है,हज, ऐक मोमिन व साहिबे ख़ुशू व तदब्बुर व्यक्ति आध्यात्मिक स्थान पर पंहुचा सकता है और और उसे सर्वोच्च और नूरानी इंसान बना देता है इसी तरह उसे बा बसीरत व बहादुर और अहले कार्य व साहसी तत्व बना सकता है आध्यात्मिक, राजनीतिक, व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों ही इस उत्कृष्ट वाजिब में बेहद प्रमुख हैं, और आज मुस्लिम समाज को दोनों पक्षों की जरूरत है।
एक तरफ, आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके भौतिकवाद का जादू, भ्रष्ट और अपमानजनक हालत में है, और दूसरी तरफ, हाकिम निज़ाम की सियासत और उसके काम मुस्लिमों के बीच फ़ितने व आग भड़काने और इस्लामी देशों को असुरक्षा और असहमति के नरक में परिवर्तित करनेमें लगे हैं। हज्ज इस्लामिक उम्मा के इन दो महान संक्रमणों के लिए एक उपचारकारी उपाय हो सकता है, दिलों को ज़ंगो से साफ और धार्मिकता और ज्ञान के प्रकाश से रौशन कर दे, और आंखों को इस्लामिक दुनिया की कड़वाहट वास्तविकताओं के लिऐ खोल देगा और इससे मुक़ाबला करने के लिऐ इरादों को मज़बूत और कदमों को और हाथों और दिमाग को तैयार कर देगा।
आज इस्लामी दुनिया असुरक्षित है, नैतिक और आध्यात्मिक असुरक्षा, और राजनीतिक असुरक्षा। मुख्य कारक, हमारी उपेक्षा और दुश्मनों का क्रूर हमला है। हम दुश्मनों के हमलों के मुक़ाबिले में अपने धार्मिक व अक़्ली ज़िम्मेदारी पर अमल नहीं कर रहे हैं और «اَشِّدآءُ عَلَی الکُفّار» को भी भूल गऐ हैं नतीजा यह है कि इस्लामी दुनिया के भूगोल के दिल में यहूदी दुश्मन उपद्रव फैला रहे हैं और हम निश्चित रूप से फिलिस्तीन बचाने के कर्तव्य के बारे में ग़ाफ़िल, सीरिया, इराक, यमन, लीबिया, बहरीन में गृह युद्ध, और अफगानिस्तान और पाकिस्तान व आदि में आतंकवाद का मुक़ाबला कर रहे हैं।
मुस्लिम राज्यों के प्रमुखों और इस्लामी दुनिया में राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कुलीन वर्ग, अपने कंधों पर महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी रखते हैं: एकता बनाने और सावधान रहने का कार्य सभी लोग जातीय और धार्मिक घृणा से और लोगों को दुशमनी के तरीक़ों से सूचित करना धार्मिक कर्तव्य है तथा अहंकार और इजरायलवाद के विश्वासघात, लोगों को दुश्मन के कार्यों से निपटने के लिए लैस करने जंग के विभिन्न क्षेत्रों नरम और कठिन में, इस्लामी देशों के बीच भयावह घटनाओं को फ़ौरन रोकने की ज़िम्मेदारी कि आज यमन जैसे कड़वे नमूने, दुनिया भर में दु: ख और विरोध का कारण है, म्यांमार आदि जैसे पीड़ित अल्पसंख्यक मुसलमानों की दृढ़ता के साथ रक्षा करने की ज़िम्मेदारी,और इन सभी से महत्वपूर्ण कार्य फिलिस्तीन राष्ट्र की रक्षा और उनके साथ संबंध व सहयोग जो लगभग 70 वर्षों से अपने छीने गऐ देश के लिए लड़ रहे हैं।
ये वह सभी महत्वपूर्ण कार्य जो हमारे कांधों पर हैं राष्ट्रों को अपनी सरकारों से मांग करनी चाहिए, और अभिभावकों को अपने संकल्प और शुद्ध इरादों के साथ हक़ की राह में प्रयास करना चाहिए। ये काम यक़ीनन भगवान की मदद का हत्मी मिस्दाक़ हैं, जो निश्चित रूप से ईश्वर के वचन के अनुसार भगवान की मदद लाएंगे।
ये हज के पाठ का कुछ हिस्सा हैं और मुझे इसके बारे में समझने और कार्य करने की उम्मीद है।
आप सभी के लिए हज को क़ुबूल करने की दुआ करता हूं और मीना और पवित्र मस्जिद के शहीदों की याद, तथा उनके लिऐ रहीम व करीम अल्लाह से दरजात के उच्च होने की दुआ करता हूं।
والسّلامعلیکمورحمةﷲ
सैय्यद अली ख़ामेनई
29 अगस्त, 2017
7 ज़िल्हिज 1438 हि.
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