IQNA की रिपोर्ट प्रेस टीवी के अनुसार, इस मूवमेंट ने बुधवार को जारी एक बयान में घोषणा करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियां योजना बना रही हैं कि ऐक साजिश के तहत शेख़ ज़कज़ाकी की हतत्या कर दें और उसकी जिम्मेदारी नाइजीरिया के इस्लामिक मूवमेंट पर डाल दें।
बयान में आया है कि हाल ही में एक पत्र का खुलासा किया गया, जो 25 जनवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय से नाइजीरिया के सामान्य पुलिस महानिरीक्षक को भेजा गया था, जिसमें झूठा दावा किया गया कि इस्लामी आंदोलन राष्ट्रपति चुनाव के दौरान देश के कई हिरासत केंद्रों पर हमला करके जलाने की योजना बना रहा है।
बयान के मुताबिक, सेना और सुरक्षा बल चाहते हैं कि एक समूह के माध्यम इन फर्जी हमलों के बहाने से नाइजीरियाई शिया नेता की गोली मारकर हत्या कर दें और फिर ऐसा ज़ाहिर करें कि सुरक्षा बलों और इस्लामिक मूवमेंट के सदस्यों के बीच संघर्ष और आग के आदान-प्रदान के दौरान शेख़ ज़कज़ाकी मारे गए हैं।
नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन ने जोर देकर कहा कि वह शेख़ ज़कज़ाकी की आज़ादी की लड़ाई केवल कानून के माध्यम से ही लड़ेगा और हिंसा का सहारा नहीं लेगा।
शेख ज़कज़ाकी और उनकी पत्नी को ज़ारिया सिटी में 2015 में हुसैनियह पर नाइजीरियाई सेना के एक हमले में गिरफ्तार किया गया था।
इस हमले में शेख ज़कज़ाकी के तीन बच्चों सहित सैकड़ों शिया शहीद हो गए थे।
नाइजीरिया के सुप्रीम कोर्ट ने एक साल बाद शेख ज़कज़ाकी और उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन सेना और सरकार इस आदेश को लागू नहीं किया।
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