
IQNA की रिपोर्ट इस्लामी संस्कृति और संचार संगठन के अनुसार; विश्व श्रम और श्रमिक दिवस (1मई) के अवसर पर युगांडा में ईरानी सांस्कृतिक सलाहकार मोहम्मद रज़ा क़ज़लफ़ली, युगांडा के रेडियो बिलाल में उपस्थिति हुऐ और इस्लाम के परिप्रेक्ष्य से श्रम और श्रमिक की स्थिति को समझाया।
क़ज़लफ़ली ने अपने भाषण के ऐक हिस्से में, इस बयान के साथ कि विश्वास के साथ काम करने वाले हमेशा साफ-सुथरे लोग होते हैं और अपने काम को अंजाम देकर ईश्वर की आराधना करते हैं कहा: "श्रमिक समाज का एक कड़ी मेहनत करने वाला भाग हैं और देशों की अर्थव्यवस्था उनके हाथ से चलती है।"
उन्होंने इमाम खुमैनी के कथन को उद्धृत किया: " एक राष्ट्र का जीवन श्रम और श्रमिक के ऐहसानमंद है। श्रमिक समाज का सबसे मूल्यवान वर्ग और सबसे उपयोगी समूह है। श्रमिकों के हाथों से मानव समाज का विशाल पहिया चलने और घूमने में सक्षम है।
हमारे देश के सांस्कृतिक सलाहकार ने आगे इस बयान के साथ कि सर्वशक्तिमान ईश्वर अमीन मज़्दूरों से प्यार करता है, इस्लाम में श्रमिकों की स्थिति को समझाते हुए कहा: "कार्यकर्ता के शरीर के पसीने की बूंद शहीद के खून की बूंद की तरह है।"
"हलाल रोटी खाने" के बारे में इमाम सादिक (अ.स.) और पैगंबर (pbuh) की हदीसों को पढ़कर, क़ज़लफ़ली ने कहा: ईश्वर की सज़ा से छूट, ख़ुदा की विशेष और रहमत वाली निगाहह व पुल सेरात से बिज्ली की तरह गुज़रना जैसे लाभ और परिणाम का लुत्फ़ उठाना अपने काम के परिणाम हैं।
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