अंतर्राष्ट्रीय समूह - भारत, कारगिल में हज़रत ज़ैनब अ.स.के जन्म की सालगिरह मना रहे विशेष अवसर पर वक्ताओं ने कुरान, नहजुल बलग़ह और इस्लामी इतिहास को जानने के महत्व पर जोर दिया।
भारत से IQNA की रिपोर्ट के अनुसार; हज़रत ज़ैनब (अ.स.) के जन्म और नर्सरी दिवस का जश्न कल 1 जनवरी 2020 को इमाम खुमैनी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ कारगिल से संबद्धित ज़ैनबिया महिला संघ के सम्मेलन हॉल में हुआ।
कार्यक्रम पवित्र कुरान के पाठ के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद कवियों और मद्दाहों ने हज़रत ज़ैनब (अ.स.) की शान में क़सीदे पढ़े और व्याख्याताओं ने लेडी कर्बला की जीवनी का वर्णन किया।
वक्ताओं ने जोर दिया: अहलुल-बेत (अ.स) का सबसे बड़ा बलिदान कर्बला की पवित्र भूमि में हुआ था और इस बलिदान ने हमें जीवन का बेहतर तरीका सिखाया है।
उन्होंने जोड़ा: इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत के बाद, हज़रत ज़ैनब (अ.स) ने आशूरा आंदोलन को जीवित रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इमाम सज्जाद (अ.स) की सेवा की और उन्हें बचाने की कोशिश की।
इस दौर में कुरान, नहजुल बलाग़ह और इस्लाम के इतिहास को जानने के महत्व पर जोर देते हुए कार्यक्रम जारी रखते हुऐ घोषणा की गईः नहज अल-बलग़ह, कुरान और इस्लाम के इतिहास को समझकर, हम अहलेबैत अ. से निकट हो सकते तथा अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।
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