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इमाम रज़ा (अ.स.) की जयंती पर स्विट्जरलैंड के अहलेबैत (अ.स) केंद्र का विशेष कार्यक्रम

15:37 - July 01, 2020
समाचार आईडी: 3474903
तेहरान (IQNA) स्विट्जरलैंड का अहलेबैत (अ.स) इस्लामिक और सांस्कृतिक केंद्र इमाम रज़ा (अ.स) की जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित कर रहा है।

स्विट्जरलैंड से एकना के अनुसार, अहलेबैत (अ.स) इस्लामिक और सांस्कृतिक केंद्र 2 जुलाई को इमाम रज़ा (अ.स) के जन्म का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर, दुआऐ कुमैल के बाद, हुज्जतुल इस्लाम यह्या जहाँगीरी और ओबैद हुसैन, ईरान और स्विट्जरलैंड में इस केंद्र के धार्मिक विशेषज्ञ भाषण देंगे।
 
दुआऐ कुमैल का प्रसारण शाम 7 बजे से किया जाएगा। 7:30 पर हुज्जतुल इस्लाम ओबैद हुसैन, इस केंद्र के विशेषज्ञों में से एक, का भाषण अरबी में प्रसारित किया जाएगा। 19:50 पर, ईरान में सिस्टर्स सेमिनारियों के जनसंपर्क, संचार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के महानिदेशक यह्या जहांगीरी का भाषण अंग्रेजी और फारसी दोनों में प्रसारित किया जाएगा।
 
जहाँगीरी ने कहा: "यह भाषण इमाम रज़ा (अ.स.) के उत्प्रवास और अहलेबैत इस्मत व तहारत (अ.स)ने कैसे इस्लाम का विस्तार किया,,के बारे में है।" इस बहस में, हम अहलेबैत (अ.स) और ख़ुलफा द्वारा इस्लाम के विस्तार के बीच अंतर की जांच करेंगे।
 
उन्होंने कहा: अहलेबैत (अ.स) ने इस्लाम को गतिशील और विस्तार योग्य माना, लेकिन खलीफाओं ने इसे देश को बढ़ावे तक सीमित रखा।" उन्होंने भूमि पर विजय प्राप्त करके इस्लाम का विस्तार किया, लेकिन अहलेबैत (अ.स) का मानना ​​था कि इस्लाम का विस्तार दिलों में होना चाहिए, न कि मिट्टी में। तदनुसार, इमाम अली (अ.स.) यमन गए और बिना हत्या किए वहां इस्लाम का विकास किया।
 
जहाँगीरी ने इमाम रज़ा (अ.स.) की उपस्थिति के साथ ईरान में इस कार्रवाई का एक समान उदाहरण का उल्लेख किया और कहा: "ये दोनों विचार एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, और हम इस संबंध में इमाम रज़ा (अ.स.) के भाषण और दो हदीस की व्याख्या करेंगे।"
 
इस कार्यक्रम को ज़ूम सोशल नेटवर्क पर https://ZOOM.US/j/502819904 पर प्रसारित किया जाऐगा।
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