
मोहम्मद इस्लामी ने यमन के अलमसीरा टीवी से बात करते हुए कहा कि ईरान ने अपनी राष्ट्रीय स्ट्रैटेजी के अंतर्गत न तो परमाणु हथियारों के लिए प्रयास किया है और न करेगा और देश परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के कानूनों के परिप्रेक्ष्य में कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने बल देकर कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों का जो भी निरीक्षण किया गया है वह इस बात का सुबूत है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम में किसी प्रकार का कोई दिशाभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व साम्राज्य यह समझ रहा है कि ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या करके वह इस्लामी क्रांति को आघात पहुंचा सकता है किन्तु स्थिति बिल्कुल उल्टी है।
ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख ने कहा कि यह कार्य न केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रमों की कमज़ोरी का कारण नहीं बना है बल्कि ईरान के शांतिपूर्ण कार्यक्रमों की मज़बूती और उनमें विस्तार का कारण बना है। उन्होंने परमाणु समझौते के पक्षों की आलोचना करते हुए कहा कि परमाणु समझौते के पक्षों ने अपने वादों पर अमल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि वियना में जो परमाणु वार्ता शुरू हुई है वह परमाणु समझौते के पक्षों की ओर से अपने वादों के पालन के संबंध में है न कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के बारे में।
ज्ञात रहे कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और इस बात की पुष्टि परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी IAEA, कई बार अपनी रिपोर्टों में कर चुकी है।
अहलेबैत समाचार ऐजेंसी