नून प्रेस के अनुसार,भारत में कर्नाटक की हाईकोर्ट ने कल, 15 मार्च को, इस राज्य की कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा; पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह फैसला धीरे-धीरे राज्य के बाकी हिस्सों पर लागू होगा, जहां मुस्लिमों की बड़ी संख्या अल्पसंख्यक है।
राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मुस्लिम छात्रों के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध का उनके और उनके माता-पिता ने व्यापक विरोध किया है।
कर्नाटक के आंतरिक मंत्री अरागा गन्नंद्रा ने कहा कि धर्म को शिक्षा से दूर रखने की आवश्यकता के कारण यह निर्णय लिया गया।
इस फैसले का मुसलमानों ने व्यापक विरोध किया है, क्योंकि अब छात्राओं को उनके स्कूलों में प्रवेश करने से रोक दिया जाऐगा और हर दिन स्कूलों और विश्वविद्यालयों के सामने हड़ताल पर बैठींगी।
स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के विरोधियों का कहना है कि यह मुसलमानों को हाशिए पर डालने का एक और तरीका है, जो भारत के 1.35 अरब लोगों में से 13 प्रतिशत हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट कोर्ट के अध्यक्ष रीतो राज स्वस्ति ने कहा, "हम मानते हैं कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है।"
उन्होंने कहा कि सरकार के पास औपचारिक वस्त्रों पर दिशानिर्देश जारी करने की शक्ति है और प्रतिबंध के विरोध में विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।
अदालत के फैसले से पहले, राज्य के अधिकारियों ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया और किसी भी संभावित अशांति को रोकने के लिए राज्य के कुछ हिस्सों में सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया।
राज्य में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और मुस्लिम मुद्दों के समर्थक अब्दुल मजीद ने कहा कि वह मुस्लिम छात्रों के माता-पिता और हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय (राज्य) का निर्णय व्यक्तिगत अधिकारों, मूल अधिकारों और धार्मिक अधिकारों के विरोध में है। मुस्लिम महिलाएं सैकड़ों सालों से हिजाब पहन रही हैं।
भारतीय मुसलमान केंद्र और राज्य सरकारों पर शासन करने वाले चरमपंथी हिंदू विधायकों द्वारा व्यापक उत्पीड़न और नस्लवाद से पीड़ित हैं।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले महीने राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में हिजाब पहनने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे राज्य के छात्रों के विभिन्न वर्गों के बीच विवाद हुआ था।
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