यूनीन्यूज के अनुसार, लंदन सरकार के अधिकारियों द्वारा यहूदी विरोधी प्रदर्शन करने की चेतावनी के बावजूद, ब्रिटिश लोगों के विभिन्न वर्गों के हजारों लोग कल शनिवार को लंदन के मध्य में एकत्र हुए और फिलिस्तीन की आजादी के लिए नारे लगाए। और इज़रायली शासन के अपराधों को ख़त्म करने की मांग की।
सख्त सुरक्षा उपायों के बीच आयोजित इस विरोध आंदोलन में विभिन्न जातियों और राष्ट्रीयताओं के प्रतिभागियों ने फिलिस्तीनी झंडे और ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा करने वाले नारे लगाए, लंदन के मध्य में बीबीसी भवन के सामने एकत्र हुए और "मौत" के नारे बैनरों पर लिखे थे।
मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपने समर्थन पर जोर दिया और गाजा पट्टी में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ इजरायल की लगातार सैन्य आक्रामकता की कड़ी निंदा की।
कुद्स अल-अख़बरिया ने यह भी बताया कि जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अमेरिकी दूतावास के सामने एक प्रदर्शन किया गया, जिसमें इस देश के विदेश मंत्री की जॉर्डन यात्रा और गाजा लोगों के खिलाफ ज़ायोनी शासन के अपराधों के लिए अमेरिका के समर्थन की निंदा की गई।
पाकिस्तान की जनता ने भी फ़िलिस्तीन और अल-अक्सा तूफ़ान ऑपरेशन के समर्थन में मार्च निकालकर ज़ायोनी शासन के अपराधों की कड़ी निंदा की।
ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के लोगों ने भी कल शनिवार, 14 अक्टूबर को गाजा के पीड़ितों के समर्थन में और ज़ायोनीवादियों के आपराधिक हमलों की निंदा करते हुए मार्च निकाला।
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