अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार वेब्साइट «न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स»के अनुसार, महाथीर मोहम्मद ने कुआलालंपुर में "सरकार और नागरिक समाज के प्रति इस्लाम की दृष्ट" बैठक में यह बताते हुए कहा,यह मुस्लिम विद्वानों और बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है ता कि मुसलमानों को कुरान व इस्लाम की शिक्षाओं द्वारा निर्देशित करके यकीन हासिल करें,ना कुछ अज्ञानी लोगों से प्रेरित होकर.
उन्होंने यह भी कहा, मौजूदा चुनौतियों के अनुरूप नया फतवा जारी करने की आवश्यकता की ओर इशारा करते हुऐ कहाः यह फतवे सभी क्षेत्रों में व्यापक अध्ययन व चर्चा तथा आधुनिक जीवन के तथ्यों पर विचार किए जाने के बाद निर्यात होना चाहिएं.
महाथिर मोहम्मद ने अपने सम्बोधन के दूसरे भाग में मुसलमानों के लिए इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ कुछ नई विचारधाराओं का सामना करने के लिए एक रणनीति खोजने की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने इसी तरह कट्टरपंथी उदारवादी की आलोचना करने के साथ कहाः आवश्यक है कि व्याख्या की जाऐ कि क्यों कट्टरपंथी उदारवाद यौन अल्पसंख्यकों जैसे मुद्दों को बढ़ावा जैसे देता है, जो कि इस्लामी शिक्षाओं के के अनुसार unacceptability हैं.
तीन दिवसीय सभा मुस्लिम बुद्धिजीवियों को जमा करने के लक्ष्य और इस्लामी समाज की समस्याओं का विश्लेषण और विकसित के उद्देश्य व आवश्यकताओं के समाधान करने के साथ आयोजित की गई है.
सभा के उद्घाटन समारोह के अवसर पर इस्लामी देशों के अधिकारी व ज़िम्मेदार उपस्थित थे.
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