ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) शाखा पश्चिम और दक्षिण पश्चिम एशिया क्षेत्र के अनुसार इस सम्मेलन की शुरुआत में इस शहर के सरफराज़ गंज क्षेत्र की जमात के इमाम मोहम्मद अशफाक ने, क़ुरान की आयतों और आइम्मा ए मासूमीन (अ0स0)की हदीसों का उपयोग करते हुए माता पिता की स्थिति के बारे में दर्शकों की उपस्थिति में शेर पढ़ें.
इसके अलावा इस सम्मेलन में ओलमा ख़ोतबा ए हिन्द के महासचिव और लखनऊ शहर के इमामे जुमा हुज्जतुल इस्लाम कल्बे जवाद नक़वी, ने सूरए ओसरा की तेइसवीं आयत पढी जिसमें परवरदिगार ने फैसला सुनाया है कि उसके अलावा किसी की इबादत ना करना और माता पिता के साथ दया करना और अगर उनमें से एक या दोनों बूढे हो जाऐं और किसी बात पर ख़फा हों तो ख़बरदार उनके जवाब में उफ तक ना कहना और ना उनको झिङकना और जो कुछ कहना सुनना हो तो बहुत अदब से कहा करो.
इस बैठक में कि जो 24 अप्रैल रविवार को, स्थानीय समय के अनुसार आठ बजे आयोजित की गई जिसमें विचारकों और विद्वानों की काफी तादाद जैसे हुज्जतुल इस्लाम मूसा रज़ा, हुज्जतुल इस्लाम एहतेशामुल हसन, सैयद अलमदार हुसैन, सैयद मिनहाल हैदर और लखनऊ शहर के मुसलमानों की एक बड़ी संख्या ने भाग लिया.
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