अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) वेबसाइट " पवित्र आस्ताने हुसैनी " के अनुसार, "सैयद अफजल अल शामी पवित्र आस्ताने हुसैनी वक़्फ़ के उपाध्यक्ष ने इस बारे में कहा:पहली मुहर्रम की रात के मौक़े और हरमे हुसैनी के तीर्थयात्रियों की भारी उपस्थिति तथा धार्मिक, राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों की ऐक संख्या की मौजूदगी में ऐकशानदार समारोह के साथ सैयदुश्शुहदा इमाम हुसैन (अ.स)के रौज़े के गुंबद पर पर्चम बदला और काला पर्चम हुसैनी शोक के रूप में स्थापित किया जाऐगा.
उन्होंने कहा:इस समारोह में इमाम हुसैन (अ.स)के तीर्थयात्रियों व चाहने वालों के अलावा ईराक़ी जन शक्तों के बहादुर लोगों का एक समूह भी मौजूद रहेगा और काला पर्चम इमाम हुसैन के शोक के संकेत के रूप में गुंबद पर लाल झंडे की जगह लेगा।
लाल झंडा जो हमेशा इमाम हुसैन (अ.) के गुंबद पर स्थापित रहा है, शहादत और बदला लेने की निशानी है।
इस संबंध में, नजफ में मरजऐ दीनी ग्रैंड अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी के कार्यालय, ने घोषणा की है कि गुरुवार 15 अक्टूबर मोहर्रम महीने का पहला दिन और हिज्री नए साल की शरूआत है।
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