अंतर्राष्ट्रीय कुरआन समाचार एजेंसी (IQNA) ने समा समाचार एजेंसी के अनुसार बताया कि कल सुबह (फ़रवरी 15)को सूडानी राजधानी खार्तूम शहर में मौत को लब्बैक कहा।
इजराइल ने 1988 में हमास आंदोलन के लिए पहले बयान लिखने और उसके नेतृत्व में भाग लेने के आरोप में फिलिस्तीन से निष्कासित कर दिया गया था।
वह 1994 तक सूडान में रहे, उसके बाद वह अपने परिवार के साथ यमन चले गए और हमास के प्रतिनिधि और देश में फिलिस्तीनी एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में काम किया। वह 1994 के अप्रैल में यमनी संघर्ष की शुरुआत के बाद खार्तूम लौट आए।
फिलिस्तीन के इतिहासकार ओसामतुल अशक़र ने कहा कि "शेख़ सेयाम जमीन पर एक फिलिस्तीनी राजदूत, फिलिस्तीन के मुद्दे के बारे में फिलिस्तीनियों को बताया और धर्मार्थ की सहायता किया।
आपकी प्रकाशित किताब "वर्ष 1981 दआएम अल-हक़", "द मुल्ला ऑफ द ईयर 1982", "द ईयर ऑफ द ईयर 1987", "द ट्रिब्यूनल फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ द राइट्स ऑफ द चाइल्ड इन 1990", "द सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ द अमेरिका" फिलिस्तीनी विधायी निर्णय 2007 हैं।
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