अंतर्राष्ट्रीय कुरआन समाचार एजेंसी (IQNA) ने अल-आलम के अनुसार बताया कि बड़ी संख्या में नैनवां शहर के नागरिक और अल्पसंख्यक, धार्मिक संगठन और समूह, जिनमें शबक, तुर्कमान, ईज़दीहा, ईसाई,काकाईहा और अरबों के साथ ही कई राजनीतिक दल और शेख और आदिवासी शासक और कमांडर समारोह में शामिल हुए।
समारोह में वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि शहीदों का खून हमेशा आतंकवादी और वहाबुल आईएसआई पर जीत का कारण रहा है।
उन्होंने वज़ाहत किया कि शहीद अपनी मातृभूमि की रक्षा करना जारी रखेंगे और उनका मुख्य लक्ष्य इराक से अमेरिकी कब्जाधारियों को खदेड़ना है।
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