इस आंदोलन ने पश्चिम बैंक, यरुशलम और 1948 के कब्जे वाले क्षेत्र में रहने वाले सभी फिलिस्तीनियों से ज़ायोनी कब्ज़ेदारों के खिलाफ प्रतिरोध अभियान को तेज करने के लिए कहा, जो रमज़ान की 28 तारीख़ को अल-अक्सा मस्जिद पर हमला करने का इरादा रखते हैं।
इस आंदोलन ने इसी तरह जात्रा सैन्य चौकी पर ग़ासिब इजरायल के ख़िलाफ़ वीर फिलिस्तीनी युवाओं के प्रतिरोध अभियान को भी बधाई दी और एक बयान में कहा कि ऑपरेशन में ज़ायोनी सेना और उसके नेताओं को स्पष्ट संदेश था कि वीर फिलिस्तीनी युवा उन हथियारों के साथ जो हाथों में हैं। किसी भी समय अल-कुद्स और अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा करने के लिए तैयार हैं।
फिलिस्तीनी सूचना केंद्र के अनुसार, हमास ने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीनी लोगों ने हमेशा हथियार उठाए रखे हैं और अपने अधिकारों और अपनी भूमि की पवित्रता का बचाव करते रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि नाब्लस के दक्षिण में ज़ात्रा चेकपॉइंट पर फ़िलिस्तीनी युवकों द्वारा किए गए कल के ऑपरेशन में तीन इजरायली कब्जे वाले सैनिक घायल हो गए थे, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।
इस ऑपरेशन के अंजाम देने वाले स्थान से सुरक्षित रूप से भाग निकले और ज़ायोनी शासन के उन्हें खोजने के प्रयास अब तक बेकार रहे हैं।
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