मनुष्यों को मिलने वाली ऑक्सीजन और पौधों द्वारा छोड़ी जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा के बीच एक नाजुक संतुलन है; इसके अलावा, कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा जो मनुष्य छोड़ते हैं और पौधों को प्राप्त होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा के बीच भी एक संतुलन होता है। पवित्र कुरान में, इस नाजुक संतुलन का उल्लेख किया गया है और यह कायनात की हैरतअंगेज़ी का एक उदाहरण दर्शाता है।
अल्लाह सूरह हिज्र की आयत 19 में फरमाता हैं:
«الْأَرْضَ مَدَدْنَاهَا وَأَلْقَيْنَا فِيهَا رَوَاسِيَ وَأَنبَتْنَا فِيهَا مِن كُلِّ شَيْءٍ مَّوْزُونٍ:
और हमने ज़मीन को फैलाया और उस पर पहाड़ खड़े कर दिए, और उसमें हम ने हर तरह की नपी तुली चीज़ करार दी।
उपयोग किए गए वैज्ञानिक शब्द और जुमले दर्शाते हैं कि पृथ्वी पर पौधों की निसबत और उनके द्वारा खींची जाने वाली कार्बन की मात्रा और उनके द्वारा छोड़ी जाने वाली ऑक्सीजन की निसबत के बीच एक संतुलन है। इन निसबतौं को हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा बारीकी से मापा गया है।
मिसाल के तौर पर, हवा में ऑक्सीजन का प्रतिशत लगभग 21% है। यदि यह प्रतिशत बढ़ा तो पहली चिंगारी से पृथ्वी जल उठेगी, और यदि यह प्रतिशत थोड़ा भी कम हुआ तो जीव दम घुटने से मर जायेंगे!
हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का अनुपात 1% से भी कम है। यदि यह प्रतिशत बढ़ा तो मनुष्य जहरीला हो जाएगा और सभी मर जाएंगे, और यदि यह कम हो जाए तो पौधे मर जाएंगे और जीवन समाप्त हो जाएगा।
हम हरे माद्दे या क्लोरोफिल के निरंतर तरकीब को देखते हैं; वह माद्दा जिससे अनाज और फल निकलते हैं। पवित्र कुरान में इस नाजुक मरहले का उल्लेख है: «وَهُوَ الَّذِي أَنزَلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَأَخْرَجْنَا بِهِ نَبَاتَ كُلِّ شَيْءٍ فَأَخْرَجْنَا مِنْهُ خَضِرًا نُّخْرِجُ مِنْهُ حَبًّا مُّتَرَاكِبًا وَمِنَ النَّخْلِ مِن طَلْعِهَا قِنْوَانٌ دَانِيَةٌ وَجَنَّاتٍ مِّنْ أَعْنَابٍ وَالزَّيْتُونَ وَالرُّمَّانَ مُشْتَبِهًا وَغَيْرَ مُتَشَابِهٍ انظُرُوا إِلَى ثَمَرِهِ إِذَا أَثْمَرَ وَيَنْعِهِ إِنَّ فِي ذَلِكُمْ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ: और वही है जिसने आकाश से जल बरसाया, फिर हमने उसके द्वारा हर प्रकार के पौधे उगाए, और उसमें से एक सब्ज़ा निकाला, जिससे हम घने बीज निकालते हैं और खजूर के पेड़ के फूलने से एक दूसरे के पास गुच्छे बनते हैं और [भी] हमने अंगूर, जैतून और अनार के बाग़ निकाले, एक जैसे और अलग अलग, उसके फल को देखो, जब वह फलता है और कैसे पकता है, निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं, जो ईमान लाते हैं। (इनाम/99)।
कुरान ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पहले हरा पदार्थ बनता है, फिर फल और बीज बनते हैं, जिसे वैज्ञानिक तहक़ीक़ात भी कहती हैं।
यहां पर हम पूछते हैं: क्या पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने पौधे की तरकीब की तहक़ीक़ की और इसे इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से जांचा? जवाब में, यह कहा जाना चाहिए कि जिस जगह से पैगंबर (PBUH) ने इन विज्ञानों को प्राप्त किया, वह अल्लाह की ज़ात है जिसने सभी लोगों को बताया है कि वह वही है जिसने उन्हें यह विज्ञान सिखाया है।
कुरान पहली किताब है जिसने मोडर्न विज्ञान से सदियों पहले पौधों की दुनिया में जोड़े को साबित किया था। जैसा कि सूरह यासीन की आयत 36 में कहा गया है:
«سُبْحَانَ الَّذِي خَلَقَ الْأَزْوَاجَ كُلَّهَا مِمَّا تُنبِتُ الْأَرْضُ وَمِنْ أَنفُسِهِمْ وَمِمَّا لَا يَعْلَمُونَ:
पाक है वह जिसने पृथ्वी पर उगने वाली सभी चीजों को नर और मादा बनाया, और खुद से और उन चीजों से जिन्हें वे नहीं जानते।».