अल-मसीरा समाचार साइट के अनुसार, यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के नेता अब्दुल मलिक बद्रुद्दीन अल-हौषी ने रमज़ान के अवसर पर अपने भाषण में यूरोप (डेनमार्क और स्वीडन) में कुरान जलाने के अपराध की कड़ी निंदा की और जोर दिया। मुसलमानों को इस्लाम के खिलाफ़ युद्ध के मुक़ाब्ले खड़े होने की जरूरत है।
यह इंगित करते हुए कि जो लोग इन अपराधों का नेतृत्व कर रहे हैं और इस्लामी मुक़द्दसात के खिलाफ़ लगातार उल्लंघन कर रहे हैं, वे ज़ायोनी लॉबी हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया: धार्मिक लगाव के लिए हमें क्रोधित होना चाहिए और जब वे हमारे धर्म के साथ युद्ध के लिऐ खड़े होगऐ हैं तो हमें अपना गुस्सा व्यक्त करना चाहिए।
दुश्मनों के भौतिकवाद का जिक्र करते हुए यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के नेता ने कहा: मुस्लिम उम्मह को आर्थिक प्रतिबंधों के हथियार से दुश्मनों का सामना करना चाहिए, क्योंकि अर्थव्यवस्था दुश्मन की मूर्ति है।
अब्दुल मलिक बद्रुद्दीन अल-हौषी ने कहा: मुसलमानों के रूप में, हमें उन सभी देशों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जो कुरान को जलाने की अनुमति देते हैं और कानूनी रूप से इसका समर्थन करते हैं, क्योंकि प्रतिबंध दुश्मनों को डराने और उन्हें इस्लाम का अपमान रोकने के लिए मजबूर करने के लिए पर्याप्त हैं।
यमन के अंसारुल्ला आंदोलन के नेता ने कुरान को जलाने में भूमिका निभाने वाले देशों को दंडित करने में मुस्लिम एकता के महत्व पर जोर दिया और कहा: यदि मुसलमान उन देशों पर गंभीरता से प्रतिबंध लगाने के लिए एकजुट होते हैं जो इस्लामी उम्मह की पवित्र पुस्तक को जलाने में शामिल हैं। तो यह देश कुरान को जलाने और कलामे वहि का अपमान करने को बंद कर देंगे।
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