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कुरान क्या है? / 6

एक चिराग़ जो कभी बुझता नहीं

8:25 - June 13, 2023
समाचार आईडी: 3479281
तेहरान इक़ना: इस दुनिया में हमारे पास रोशनी के सभी स्रोत अंततः एक दिन समाप्त हो जाएंगे, यहाँ तक कि सूर्य भी क़यामत के दिन अपना प्रकाश खो देगा और बुझ जाएगा। लेकिन इसी बीच अल्लाह ने कुरान में एक ऐसी बात का जिक्र किया है जिसकी रोशनी कभी खत्म नहीं होने वाली है।

तेहरान इक़ना: इस दुनिया में हमारे पास रोशनी के सभी स्रोत अंततः एक दिन समाप्त हो जाएंगे, यहाँ तक कि सूर्य भी क़यामत के दिन अपना प्रकाश खो देगा और बुझ जाएगा। लेकिन इसी बीच अल्लाह ने कुरान में एक ऐसी बात का जिक्र किया है जिसकी रोशनी कभी खत्म नहीं होने वाली है।

 

कुरान में, एक आयत है जो शुरु में दुनिया के लोगों को संबोधित करती है और कहती है: 

"يا أَيُّهَا النَّاسُ قَدْ جاءَكُمْ بُرْهانٌ مِنْ رَبِّكُمْ وَ أَنْزَلْنا إِلَيْكُمْ نُوراً مُبِيناً; 

हे लोगो! तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक स्पष्ट दलील आई है। और हमने तुम्हारी ओर एक स्पष्ट रोशनी नाज़िल की है।" (निसा: 174)

 

इस आयत में, हमारे पास दो शब्द हैं: एक "स्पष्ट दलील" है जो अरबी में "बुरहान" के बराबर है और दूसरा "स्पष्ट रोशनी" है जो "नूरन मुबीना" का तर्जमा है। रिवायतों के अनुसार, "बुरहान" से मुराद पैगंबर हैं और "नूरन मुबीना" से मुराद कुरान है। और वास्तव में पैगम्बर ही धर्म का प्रमाण और दलील हैं, क्योंकि जिसने दुनिया में पढ़ाई नहीं की है, वह ऐसा ज्ञान और पुस्तकें लाता है, और जैसे-जैसे समय बीतता है और विज्ञान बढ़ता है, धर्म की सच्चाई और उसकी शिक्षाओं की गहराई स्पष्ट होती जाती है।

जो प्रश्न उठने की संभावना है वह यह है कि क्या स्वयं रोशनी स्पष्ट नहीं है? क्योंकि हम अपनी आँखों से रोशनी को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, फिर इस आयत में यह क्यों उल्लेख किया गया है कि कुरान एक स्पष्ट रोशनी है?

 

क़ुरआन एक ऐसी रोशनी है जो अपनी जाती और आंतरिक रोशनी के साथ अपने अलावा औरों को भी रोशन करती है। सड़कों के चिराग़ की तरह है कि लोग तब तक अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं जब तक वे चिराग़ जलता रहता है, लेकिन जैसे ही इस चिराग़ की रोशनी उनसे ले ली जाती है, उन्हें अपने काम में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वास्तव में क़ुरआन भी इसी अवस्था में है और यदि क़ुरआन का प्रकाश मनुष्य से छीन लिया जाए तो मनुष्य मार्ग से भटक जाएगा और अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाएगा।

 

इस आयत और अगली आयत में, अल्लाह ने इस रोशनी के शुरु और आख़िर को निर्दिष्ट किया है: "مِنْ رَبِّكُمْ" का अर्थ है कि यह रोशनी रब की तरफ से है और इस नूर का प्रारंभिक बिंदु आपका रब है, और अगली आयत में वह कहता है: 

فَأَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا بِاللَّهِ وَ اعْتَصَمُوا بِهِ فَسَيُدْخِلُهُمْ فِي رَحْمَةٍ مِنْهُ وَ فَضْلٍ وَ يَهْدِيهِمْ إِلَيْهِ صِراطاً مُسْتَقِيماً; 

लेकिन जो लोग ईश्वर पर विश्वास करते थे और इस (स्वर्गीय पुस्तक) को मजबूती से पकड़े रहते थे, वह जल्द ही अपनी व्यापक दया और बख़्शिश में दाखिल करेगा, और वह उन्हें सीधे रास्ते पर ले जाएगा। :निसा/175)

 

 

अर्थात्, "ईमान" और "कुरान की रोशनी को मजबूती से पकड़ना" एक व्यक्ति को ईश्वर की दया से लाभान्वित करता है और ईश्वर द्वारा उसके आगे के मार्गदर्शन के लिए आधार तैयार करता है, जो अंततः स्वर्ग और उसके अंतहीन आशीर्वाद में समाप्त होता है।

इस उल्लिखित आयत में "कुरआन की रोशनी को थामने" का अर्थ इसकी शिक्षाओं पर ध्यान देना और कुरान की सुख देने वाली योजनाओं को जीवन में लागू करना है, जो एक व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है। 

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