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मकतब अहले बैत (अ) के प्रकाशन से सल्फ़यों का भयभीत होना ऐसे है जैसे पैगंबर (स) की दावत से कुफ़्फ़ार भयभीत होते थेः

17:26 - May 09, 2012
समाचार आईडी: 2322431
कुरानी गतिविधियों का समूह: मोहम्मद उसदी मोवह्हिद ने कहा मकतब अहले बैत (अ) के प्रसारण और प्रकाशन से सल्फ़ी समूह के डर का उदाहरण कुफ़्फ़ारे मक्का का दावते इस्लाम से भयभीत होने जैसा है.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (ऐक़ना) की रिपोर्ट के अनुसार जिम्बाब्वे की राजधानी हरारह में ईरानी सांस्कृतिक केन्द्र ने कुरानी संस्कृति से आशनाई और जवानों को कुरान गतिविधियों की ओर आकर्षित करने के लिए क़िराअत और हिफ़्ज़े कुरान मुकाबले 5 मई को आयोजित किऐ, यह प्रतियोगिता सांस्कृतिक केन्द्र लायब्रेरी हॉल में आयोजित हुए जिसमें देश के बीस क़ारियों ने हिस्सा लिया. इन मुकाबलों के समारोह में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए.
समारोह सांस्कृतिक केन्द्र पार्षद मोहम्मद उसदी मोवह्हिद ने अपने संबोधन में कुरआन को मुसलमानों के लिए अल्लाह का विशेष उपहार क़रार दिया है और मानवता की भलाई का अवतरण कहा और सल्फ़ी समूह के विरोध के बारे में कहा इस्लाम के शुरुआत में कुफ़्फ़ार कुरआन की आवाज़ सुनने से रोकते थे और भयभीत रहते थे कि मबादा कुरआन कि दिलनशीन आयात से उनका दिन खराब न होजाऐ. इसी तरह सल्फ़ी समूह मकतब अहले बैत जो इस्लाम की वास्तविक व्याख्या है, के प्रसारण और प्रकाशन से भयभीत है.
उल्लेखनीय है कि अंत में जवानों में पुरस्कार वितरित किए गए.
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